- भाई बहन का प्यार आया राखी का त्योहार

मोना चन्द्राकर मोनालिसा रायपुर छत्तीसगढ़

- भाई बहन का प्यार आया राखी का त्योहार

मृत्यु के देवता यम और यमुना भाई-बहन थे। जबकि बारह वर्षों तक यम ने अपनी बहन यमुना से भेंट नहीं की थी। यमुना बहुत दुखी थी। वह अपने भाई को याद करती थी और उनसे मिलना चाहती थी। फिर वह मदद के लिए देवी गंगा के पास गई।

देवी गंगा ने यम को उनकी बहन के बारे में याद दिलाया और उनसे जाकर मिलने के लिए कहा। यमुना बहुत खुश हुई। उसने यम का भव्य स्वागत किया, बहुत सारे पकवान बनाकर उन्हें खिलाए और उनकी कलाई पर राखी भी बांधी। यम अपनी बहन के प्रेम से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे अमरता प्रदान कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी भाई जिसने राखी बंधवाई है और अपनी बहन की रक्षा करने का वादा किया है, वह भी अमर हो जाएगा। उस दिन के बाद से ही यह परंपरा शुरू हुई कि राखी के अवसर पर भाई अपनी बहनों से मिलने जाते हैं और बहनें अपने भाई को चिरायु बनाने के लिए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है जिसे राखी कहते हैं। इसलिए कहते हैं भाई-बहन का प्रेम अमर होता है।

बड़े भाई एक बहना के लिए होते हैं पिता समान
ढेर सारा मिलता है सदा लाड़, दुलार व अपनापन

हाथ थाम कर छोटी बहन की हर हाल में सुरक्षा करे
कभी झगड़े बहन से, कभी रूठे तो उसे मनाया करे 

अटूट बंधन होता है ये प्यार के कच्चे धागों का
थोड़े से टूटता नहीं है ये साथ है सच्चे रिश्तों का

दूर रहकर ही बहनें अपने भाइयों के लिए दुआ करेंगी 
रहे स्वथ्य और सुरक्षित उनके भाई वो आशा करेंगी

जब हम सब भाई बहन छोटे थे,
बहुत  नटखट थे
तब भाई मुझे एक पिता की तरह अपने साथ सब जगह ले जाता था 
तब मैं भाई के साथ साइकिल में बैठ कर जाती थी
अब वो गुजरे हुए कल की बहुत याद आती है जब मैं भाई के साथ नवरात्रि में दुर्गा पूजा
देखने जाती थी
तब भाई भीड़ में कहीं मैं गुम ना हो जाऊं 
मेरा हाथ कस के पकड़ लेते थे तब मैं भाई के साथ चलती जाती थी 
अब वो गुजरे हुए कल की बहुत याद आती है
हर त्यौहार की तैयारी हम सब भाई बहन
मिल कर करते थे
तब भाई के साथ में सब सामान लेने जाती थी अब वो गुजरे हुए कल की बहुत याद आती है
छुट्टी के दिन बहुत मस्ती करते थे
भाई हम दोनों बहनों के लिए झूला बनाता था
तब मैं झूले में मस्त झूलती जाती थी
अब वो गुजरे हुए कल की बहुत याद आती है
राखी के दिन भाई मुझे बहुत चिढ़ाता था कि राखी नहीं बंधवाऊंगा और ना कोई तुम दोनों को कोई उपहार दूंगा
तब मैं रूठकर एक कोने में बैठ जाती थी भाई मुझे प्यार से मनाकर राखी बंधवा लेते थे 
मैं खुशी खुशी भाई को राखी बांधती थी अब वो गुजरे हुए कल की बहुत याद आती है
भाई बहन का रिश्ता बड़ा ही प्यारा और अनमोल होता है
हम एक दूसरे से कितना भी लड़ झगड़ लें पर अपनापन और प्यार कभी कम नहीं होता