राजधानी रायपुर के वीआईपी चौक पर असामाजिक तत्वों ने छत्तीसगढ़ की अस्मिता और मातृत्व की प्रतीक छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया है। मूर्ति की गर्दन तोड़ दी गई और जिस शिलालेख पर डॉ. नरेंद्र वर्मा का नाम लिखा था, उसे भी खुरचा गया है। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में गुस्से का माहौल है।
घटना के बाद छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है, आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में संस्कृति और अस्मिता पर लगातार हमले हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने कहा कि पुलिस घटना को किसी “पागल व्यक्ति” की करतूत बता रही है, जबकि मूर्ति की स्थिति देखकर यह साफ है कि यह काम योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। उन्होंने कहा कि जो नेता चुनाव के समय छत्तीसगढ़ महतारी के नाम पर वोट मांगते हैं, वही आज इस अपमान पर मौन हैं।
वहीं जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी की जिला अध्यक्ष लक्ष्मी नाग ने कहा कि “आज छत्तीसगढ़ की आत्मा को चोट पहुंचाई गई है। जब तक नई मूर्ति नहीं लगाई जाती और दोषियों को सज़ा नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा।”
पुलिस जांच और कार्रवाई जारी
इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और तेलीबांधा थाने में मामला दर्ज किया गया है। नगर निगम ने घोषणा की है कि क्षतिग्रस्त मूर्ति को हटाकर जल्द नई मूर्ति स्थापित की जाएगी।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर बोला हमला
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को तोड़ा जाना जनता और राज्य की आत्मा का अपमान है। यह घटना अस्वीकार्य है। भाजपा सरकार को समझना होगा कि यदि जनआक्रोश को अनदेखा किया गया, तो नतीजे गंभीर होंगे।”
मुख्यमंत्री साय ने कही सख्त कार्रवाई की बात
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जांच पूरी गंभीरता से की जाए और जल्द गिरफ्तारी हो।”
जनआक्रोश और सोशल मीडिया पर विरोध
घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। नागरिकों ने लिखा कि यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ महतारी — हमारी मां — का अपमान है। लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द दोषियों को सज़ा दी जाए और मूर्ति को पुनः स्थापित किया जाए।