माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आजादी के बाद पहली बार होगा मतदान

सुकमा जिले में तृतीय चरण का मतदान कोंटा विकासखंड में 23 फरवरी को होने वाला है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और एसपी किरण चव्हाण के निर्देशन में मतदान की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। माओवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चप्पे चप्पे में सुरक्षा बल के जवान तैनात किए गए हैं।
आजादी के बाद पहली बार होगा मतदान :
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए घोर माओवाद प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों में पहली बार किसी भी प्रकार का मतदान किया जाएगा। पेंटाचिमली, केरलापेंदा, दुलेड़, सुन्नगुड़ा और पूवर्ती ऐसे दूरस्थ इलाके हैं जहाँ इससे पहले कभी चुनाव नहीं हुआ है। यह पहला अवसर है जब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की गई है। कुंदेड, सिलगेर, एलमागुण्डा, करीगुण्डम, पोटकपल्ली और लखापाल में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव तो हुआ है लेकिन पहली बार पंचायत चुनाव संपन्न कराया जाएगा।
बड़ी संख्या में पंच-सरपंच निर्विरोध निर्वाचित :
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधियों को ग्राम स्तर पर निर्विरोध निर्वाचित किया गया है। ग्रामीणों ने आपसी सूझबूझ और सामंजस्य का परिचय देते हुए लोकतंत्र में सशक्त भागीदारी के लिए सरपंच के 8 पदों और पंच के 570 पदों पर अभ्यर्थियों को निर्विरोध निर्वाचित किया है। लोगों में स्थानीय सरकार चुनने मतदान के प्रति उत्साह और जागरूकता स्पष्ट दिखाई दे रही है।
सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त :
कोंटा विकासखंड के 67 ग्राम पंचायतों में पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए 128 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमे 51 संवेदनशील और 77 अति संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए केंद्रीय रिजर्व फोर्स, कोबरा बटालियन, जिला पुलिस बल सहित अन्य सुरक्षा बलों को जगह जगह तैनात किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से 18 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से मतदान केंद्र भेजा गया है।