1 नवंबर से लागू होगा पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम, 7 IPS अधिकारियों की समिति गठित

राजधानी में लंबे समय से चर्चा में रहा पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम अब हकीकत बनने जा रहा है। राज्योत्सव के मौके पर, यानी 1 नवंबर से इसकी शुरुआत की तैयारी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में सरकार के निर्देश पर डीजीपी अरुणदेव गौतम ने सात सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
समिति का गठन
समिति की कमान सीनियर एडीजी प्रदीप गुप्ता को सौंपी गई है। इसमें पुलिस महानिरीक्षक (नारकोटिक्स) अजय यादव, पुलिस महानिरीक्षक (रायपुर रेंज) अमरेश मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक (अअवि) ध्रुव गुप्ता, उप पुलिस महानिरीक्षक (दूरसंचार) अभिषेक मीणा, उप पुलिस महानिरीक्षक (सीसीटीएनएस) संतोष सिंह और पुलिस अधीक्षक (विआशा) प्रभात कुमार सदस्य बनाए गए हैं।
इसके अलावा, वैधानिक पहलुओं पर मार्गदर्शन के लिए लोक अभियोजन संचालनालय की संयुक्त संचालक मुकुला शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
किन मुद्दों पर मंथन करेगी समिति
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 के प्रावधानों के अनुसार लागू किया जाए या इसके लिए नया एक्ट बनाया जाए।
अगर नया एक्ट बनाना पड़ा तो विकल्प होंगे—या तो विधानसभा से अधिनियम पारित कराया जाए या फिर राज्यपाल से अध्यादेश जारी कराया जाए।
अन्य राज्यों में लागू कमिश्नरेट मॉडल का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के लिए सर्वश्रेष्ठ ड्राफ्ट तैयार करना।
राज्योत्सव पर नई प्रणाली
सरकार चाहती है कि राज्योत्सव के दिन राजधानी में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली औपचारिक रूप से लागू हो। इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सिस्टम से राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति मजबूत होगी और पुलिस प्रशासन अधिक जवाबदेह बनेगा।