कुलपति ने दंतेवाड़ा स्थित महाविद्यालयों का किया निरीक्षण, कक्षाएं प्रारंभ करने के दिए निर्देश

कुलपति ने दंतेवाड़ा स्थित महाविद्यालयों का किया निरीक्षण, कक्षाएं प्रारंभ करने के दिए निर्देश

जगदलपुर। शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर जगदलपुर के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने दंतेवाड़ा स्थित शासकीय दंतेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं शासकीय महेन्द्र कर्मा कन्या महाविद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.आर. के. हिरकने सहित उपस्थित शिक्षकों से महाविद्यालय में प्रवेश की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त की। प्राचार्य द्वारा अवगत कराया गया कि छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों के अनुसार समस्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया सुचारू रूप से संपादित की जा रही है। कुलपति द्वारा महाविद्यालय स्तर पर परीक्षा परिणाम की स्थिति की जानकारी प्राचार्य से प्राप्त की और आगामी सत्र में परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रयास करने के लिए महाविद्यालय के शिक्षकों को निर्देशित किया। इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी अकादमिक कैलेंडर के अनुसार 1 जुलाई से कक्षाएं प्रारंभ करने के निर्देश शासन द्वारा जारी किए गए हैं, परंतु महाविद्यालय में छात्रों के नहीं आने के कारण कक्षाएं प्रारंभ नहीं किए जाने की जानकारी दी गई। इस पर कुलपति ने निर्देशित किया कि स्नातक स्तर के सभी कक्षाओं तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की कक्षाओं में जितने छात्र-छात्राओं का प्रवेश हो चुका है। उन छात्र-छात्राओं को नियमित तौर पर महाविद्यालय में उपस्थित होने के लिए सूचना जारी करने और अध्यापन कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश महाविद्यालय के प्राचार्य को दिया गया। समय सारणी जारी करने, सूचना पटल पर चस्पा करने तथा महाविद्यालय की वेबसाइट पर भी सूचना एवं समय सारणी अपलोड करने के निर्देश दिए गए। कुलपति द्वारा महाविद्यालय में शासन द्वारा स्वीकृत शिक्षकों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त की गई। महाविद्यालय में वर्तमान सत्र से छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग से प्राप्त स्नातक स्तर पर वार्षिक परीक्षा प्रणाली के नवीन सिलेबस लागू किए जाने की जानकारी दी गई। साथ ही महाविद्यालय में शोध कार्य प्रारंभ करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पीएचडी रेगुलेशन, 2022 के अनुसार शोध केंद्र एवं शोध निर्देशक की मान्यता के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन करने के लिए भी निर्देशित किया गया। शिक्षकों द्वारा बताया गया कि छात्र-छात्राओं की लिखने की आदत कोविड-19 के दौरान छूट जाने के कारण परीक्षा परिणाम काफी कम रहा। महाविद्यालय में ग्रन्थालय में नवीन पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई। इस पर कुलपति ने कहा कि सभी शिक्षक अपने विषय से संबंधित पाठ्यक्रम के टॉपिक वाइज नोट्स एवं स्टडी मैटेरियल तैयार करें, ऑडियो वीडियो लेक्चर रिकॉर्ड करके छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराएं, ताकि छात्र-छात्राएं सत्र के प्रारंभ से ही अध्ययन में जुड़ जाएं। नियमित तौर पर छात्र-छात्राओं की लिखित मासिक टेस्ट आयोजित करें और टेस्ट में लिखे गए उत्तर की जांच करें और जो कमी है, त्रुटि है, उसे छात्र-छात्राओं को बता कर उन्हें पुनः सुधार करने के लिए बताएं। इस प्रकार, कुलपति ने महाविद्यालय के शिक्षकों एवं प्राचार्य से सार्थक संवाद करते हुए आगामी महीनों में महाविद्यालय का निरीक्षण करने के लिए पुनः आने की बात कही। निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव (प्रशासन) एवं जनसंपर्क अधिकारी सी. एल. टंडन भी उपस्थित रहे।