पशु चिकित्सा विभाग ने आवेदिका को किया सस्पेंड, विभाग द्वारा जांच रिपोर्ट आने के बाद आयोग लेगा प्रकरण पर निर्णय
अनावेदक के लगातार अनुपस्थित रहने पर मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला के एसपी को अनावेदक को उपस्थित करने लिखा जाएगा पत्र
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने आज कवर्धा जिले से महिला आयोग को प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। उनके द्वारा पक्षकारों की उपस्थिति में दोनों पक्षकारों की कथनों को सुनकर सुनवाई की गई। जिन प्रकरणों में सुनवाई पूर्ण की गई ऐसे प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया। कुछ प्रकरणों को अगली सुनवाई रायपुर में सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित किया गया है। सुनवाई के दौरान आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने पक्षकारों की उपस्थिति में उनके अभिमत और कथन को सुनकर फैसला सुनाया। आज की सुनवाई के लिए 12 प्रकरण आयोग के समक्ष रखें गए थे, इनमें 7 प्रकरणों पर सुनवाई पूरी हो जाने पर नस्तीबद्ध किया गया। साथ ही अन्य प्रकरणों की सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित किया गया। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने कहा कि कबीरधाम जिले में अभी महिलाओं की बहुत ज्यादा शिकायते आयोग के पास नहीं आई है। प्राप्त शिकायतों पर आयोग द्वारा लगातार सुनवाई की जा रही है। इस दौरान कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मनीषा ठाकुर रावटे, संयुक्त कलेक्टर डॉ. मोनिका कौडो, डीएसपी श्रीमती मोनिका परिहार, जिला संरक्षण अधिकारी सुश्री निकिता डडसेना उपस्थित थे।
पशु चिकित्सा विभाग के एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक उनके सहयोगी चिकित्सक है। उनके द्वारा लगातार आवेदिका के कामकाज को लेकर अनावश्यक दखलअंदाजी और टिका-टिप्पणी किया जाता था। आवेदिका ने आयोग में शिकायत दर्ज करने के पूर्व पशु चिकित्सा विभाग में भी शिकायत किया था, लेकिन जॉच समिति ने मेरे दस्तावेजों को नही देखा और अनावेदक चुंकि स्थानीय है और पूर्व में भी विभाग में काम कर चुके थे इसलिये अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बना रहता है। विभाग ने जून 2022 में आवेदिका को सस्पेंड कर दिया गया है जिसकी अपील आवेदिका ने विभाग में कर रखी है और जॉच होना है।
आयोग द्वारा इस स्तर पर आवेदिका के प्रकरण में तत्काल निर्णय लिया जाना संभव नहीं है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जॉच कर रिपोर्ट 02 माह में आयोग को आवश्यक रूप से प्रस्तुत करने आयोग द्वारा पत्र प्रेषित किया जाएगा। इस प्रकरण को रायपुर सुनवाई के लिये रखा गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि, फरवरी में लड़की गुम हुई थी और अप्रैल माह में मिल चुकी है और आरोपीगणों को पुलिस ने पकड़ लिया है वह जेल भी गया है। इसलिए प्रकरण जारी रखने का औचित्य नहीं है। आयोग द्वारा आवेदिका को समझाईश दिया गया कि वह इस प्रकरण में आरोपीगणों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए विधिक सहायता से अधिवक्ता प्राप्त कर सकती है। जिला संरक्षण अधिकारी महिला बाल विकास विभाग कबीरधाम को आवेदिका का मदद करने के लिए कहा गया तथा आवेदन नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक लगातार अनुपस्थित है उसे मध्यप्रदेश भिण्ड जिला के एसपी को पत्र भेजकर एएसआई के माध्यम से उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए पत्र भेजना होगा। आवेदिका को समझाईश दिए जाने पर प्रकरण रायपुर में सुनवाई के लिए रखा जाना स्वीकार किया। आयोग ने कहा कि प्रकरण आगामी सुनवाई में डीजीपी और एसपी को पत्र भेजकर अनावेदक की उपस्थिति सुनिश्चित हो पाएगी।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने प्रकरण की सुनवाई रायपुर में कराना चाहा, आवेदिका ने एक सूचीबद्व लिस्ट दिया जिसमें अनावेदक के माता-पिता के नाम है, उन्हें भी इस प्रकरण में पक्षकार बनाया गया है क्योंकि इसी वजह से अनावेदक को बच रहा है। थाना कोतवाली कवर्धा के माध्यम से आवश्यक उपस्थिति सुनिश्चित कराने आयोग से पत्र प्रेषित किया जाएगा। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने 02 दस्तावेज प्रस्तुत किए जिसमें आवेदिका के शिकायत को बढ़ा चढ़ाकर बताया गया है। अतः प्रकरण नस्तीबद्व किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका की ओर से जिसके द्वारा शिकायत प्रस्तुत किया गया है, उनके द्वारा ऐसे किसी भी शिकायत से इंकार किया गया। इसलिए प्रकरण को नस्तीबद्व किया गया।