आयोग के निर्देश पर ग्राम नहरगांव में जिला महिला बाल संरक्षण अधिकारी एवं पुलिस की उपस्थिति में सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने की कार्यवाही करेंगें
नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख रूपये लेने वाले के विरूद्ध दीवानी मामला लगाने आयोग ने आवेदिका को दिया निर्देश आयोग की सुनवाई में स्वतः पति अपने दूसरी पत्नी को तीन हजार रूपये देना स्वीकार किया
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं आयोग की सदस्य डॉ अनीता रावटे द्वारा जिले में प्राप्त प्रकरणों की गंभीरता से सुनवाई किया जा रहा है। आज राज्य महिला आयोग के समक्ष कुल 29 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे, जिसमें से 17 प्रकरण में पक्षकार उपस्थित रहे, 4 प्रकरणों राज्य महिला आयोग कार्यालय के लिए प्रेषित किया गया एवं 7 प्रकरण सुनवाई के पश्चात नस्तीबद्ध कर दिया गया है। आज हुए सुनवाई के प्रकरणों में मानसिक प्रताड़ना, आर्थिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, मारपीट और संपत्ति विवाद से संबंधित प्रकरण शामिल थे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक तथा सदस्य डॉ. अनीता रावटे ने गंभीरतापूर्वक लोगों की समस्याएं सुनी और वस्तुस्थिति अनुसार प्रकरणों संतुष्टिपूर्ण निराकरण किया। अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्य अनीता रावटे ने आज मौके पर आवेदकों के प्रकरण का निराकरण कर आवेदक और अनावेदक दोनों को संतुष्ट किया। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर श्री जे.आर. चौरसिया के साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडे सहित पुलिस प्रशासन भी मौजूद थे।
सुनवाई के दौरान ग्राम नहरगांव के उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया कि अनावेदकगण यहा उपस्थित हैं, और इन सभी ने लगभग एक वर्ष से आवेदिका और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया है, जिसे अनावेदकगण ने इसे स्वीकार किया है और गांव के समाज के सभी लोगों के बीच आवेदिका और सभी परिवार को सम्मिलित करने स्वीकार किया है इस प्रकरण में जिला महिला बाल संरक्षण अधिकारी और महिला आरक्षकों के साथ आवेदिका के गांव नहरगांव में आवेदक और अनावेदकगण अपने समाज के सदस्य और आवेदक अपने परिवार के साथ उपस्थित रहेंगें जिसमें अनावेदकगण के द्वारा समाज से बहिष्कार को समाप्त करने की घोषणा करेंगें इसकी रिपोर्ट आयोग कार्यालय में प्रस्तुत होने पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जा सकेगा।
अन्य प्रकरण में नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख रूपये लेने वाले के विरूद्ध एफआईआर दर्ज हो चुका है। जिसपर आवेदिका संतुष्ट नहीं है ऐसी स्थिति में आयोग द्वारा आवेदिका को समझाईश दिया गया कि न्यायालय में 5 लाख रूपये के वापसी हेतु अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिवानी मामला प्रस्तुत करें। आयोग के आर्डर शीट की छायाप्रति आवेदिका को निःशुल्क दिया गया। इस प्रकरण पर एफआईआर दर्ज हो जाने से नस्तीबद्ध किया गया है।
अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण में अनावेदकण जिला महासमुंद से है और आवेदिका गरियाबंद निवासी है और अनुकंपा नियुक्ति संबंधी बागबाहरा जिला महासमुंद का है। आयोग द्वारा इस प्रकरण को रायपुर के आगामी सुनवाई में रखा गया है। जिसमें अनावेदकगण इस प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेज के साथ आयोग कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये गये है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदकगण के विरूद्ध घरेलु हिंसा का मामला दर्ज कराया है जिसमें एफआईआर दर्ज हो चुका है अनावेदिका ने अनुरोध किया कि मेरे प्रकरण में आपसी राजीनामा करा दीजिये आवेदिका नें भी इस पर सहमती जताई है। इस प्रकरण में आवेदिका के पति के मृत्यु हो चुकी है। आयोग द्वारा समझाईस दिया गया कि अपर कलेक्टर के कार्यालय में जाकर फौती उठाने का आवेदन प्रस्तुत करें।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि न्यायालय के आदेश के कारण पिछले 7 माह से दोनो पक्ष एक साथ रह रहे है। अनावेदक चूड़ी प्रथा से आवेदिका को पत्नि बनाया है और पत्नि का दर्जा देने से मना करता है, सरकारी रिकार्ड में अभी भी नाम नहीं चढ़ाया है। अनावेदक पति सेे पूछे जाने पर उसने बताया कि सरकारी अभिलेख के नॉमिनी में आवेदिका का नाम दर्ज हो चुका है और अभी आवेदिका के लिए दुकान खोलकर दिया है। और स्वतः भी अपनी सहमती से तीन हजार रूपये महिला को देना स्वीकार किया, प्रकरण न्यायालय में चलने के कारण आयोग से नस्तीबद्ध किया गया।