अशिक्षित पालकों को पढ़ाने नवाचारी गतिविधियां

अशिक्षित पालकों को पढ़ाने नवाचारी गतिविधियां

जनवरी के पहले सप्ताह में मोहल्ला साक्षरता कक्षा में असाक्षरों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं इस हेतु स्वयंसेवी शिक्षकों वह कुशल प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण एक सप्ताह के भीतर आयोजित करें। अशिक्षित पालको को पढ़ाने नवाचारी गतिविधियां आयोजित करें।
 उक्ताशय के विचार स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक श्री राजेश सिंह राणा ने जिला परियोजना अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में व्यक्त किए। श्री राणा ने आगे कहा कि भारत सरकार द्वारा पढ़ना लिखना अभियान का लक्ष्य पूरा करने के लिए अवधि में 31 मार्च 2021 तक की वृद्धि की गई है। उन्होंने आगे कहा कि महापरिक्षा अभियान के प्रथम चरण के शेष शिक्षार्थी एवं महापरीक्षा अभियान के सी ग्रेड  शिक्षार्थी इस प्रकार शेष शिक्षार्थियों के जनवरी के प्रथम सप्ताह में मोहल्ला साक्षरता कक्षा में लाना है श्री राणा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है। असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता एवं गणितीय कौशल का ज्ञान 120 घंटे के अध्यापन में  सिखाना है। इस कार्यक्रम हेतु अभी सबसे ज्यादा आवश्यक है कि कार्य कार्यक्रम के पक्ष में वातावरण निर्मित किया जाए। राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में पढ़ना लिखना अभियान के नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया एवं जिलेवार स्थिति की समीक्षा की स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क के संबंध में एससीईआरटी के सहायक प्राध्यापक नीलम अरोड़ा ने बताया रिसोर्स पर्सन सुनील मिश्रा ने बच्चों के साथ अशिक्षित पालको के लिए उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम नवा जतन के 6 तकनीक के बारे में प्रस्तुतीकरण दी पढ़ना लिखना अभियान के मासिक प्रगति प्रतिवेदन के संबंध में नेहा शुक्ला ने बताया यूनिसेफ के सलाहकार विकास भदोरिया ने आगामी रणनीति पर प्रस्तुति दी। इस बैठक में भौतिक एवं वित्तीय समीक्षा के दौरान पीएफएमएस की जानकारी प्रदान की।
 इस राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक एवं नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय, सहायक संचालक दिनेश कुमार टांक, नीलम अरोरा, सुनील मिश्रा, नेहा शुक्ला, निधि अग्रवाल, विकास भदौरिया, आशा सिन्हा एवं 28 जिलों के जिला परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।