'लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार' से नवाजे गए पीएम मोदी
मशहूर गायिका लता मंगेशकर के निधन के बाद उनके नाम पर 'लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड' की शुरुआत की गई. पहला अवॉर्ड आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया गया. अवॉर्ड मास्टर दीनानाथ की 80वीं स्मृति दिवस पर दिया गया. पीएम मोदी खुद इस अवॉर्ड को प्राप्त करने के लिए मुंबई आए.
मशहूर गायिका लता मंगेशकर के निधन के बाद उनके नाम पर शुरू किए गए 'लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार' से सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मानित हुए. पुरस्कार की घोषणा 11 अप्रैल को की गई थी. तदनुसार, आज (24 अप्रैल) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई स्थित षणमुखानंद हॉल में इस अवॉर्ड को रिसीव करने खुद आए. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि संगीत एक साधना और भावना भी है. संगीत आपको राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है.
उन्होंने कहा, 'हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है. हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है. मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं. पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी की तरफ से हमेशा एक बड़ी बहन जैसा अपार प्रेम मुझे मिला है. इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है.' उन्होंने कहा, 'पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है. मैं इस पुरस्कार को सभी देशवासियों के लिए समर्पित करता हूं. जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं. उसी तरह से उनके नाम से मुझे दिया गया ये पुरस्कार जन-जन का है.
उन्होंने कहा कि लता दीदी उम्र और कर्म से बड़ी थीं. उन्होंने संगीत में वो स्थान हालिस किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का प्रतिरूप मानते थे. उनकी आवाज ने करीब 80 वर्षों तक संगीत जगत में अपनी छाप छोड़ी थी. उन्होंने आजादी से पहले से भारत को आवाज दी. इन 75 वर्षों की देश की यात्रा उनके सुरों से जुड़ी रही. उन्होंने कहा, 'इस पुरस्कार से लता जी के पिताजी दीनानाथ मंगेशकर जी का नाम भी जुड़ा है. मंगेशकर परिवार का संगीत के लिए जो योगदान रहा है, उसके लिए हम सभी देशवासी उनके ऋणी हैं.'
पीएम मोदी ने कहा कि संगीत के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी थे. आजादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा गीत गया था और उसकी थीम पर प्रदर्शन किया था. पुणे में उन्होंने (लता दीदी) अपनी कमाई और अपने मित्रों के सहयोग से मास्टर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल बनवाया जो आज भी देश की सेवा कर रहा है. कोरोना कालखंड में देश की जिस-जिस अस्पताल ने गरीबों के लिए ज्यादा काम किया उसमें पुणे की मास्टर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल भी शामिल है.