ईश स्तुति
Premdeep
भोर वंदन है तुम्हें
शुभ मंगल वंदन है तुम्हें
जीवन प्रेम आनंद से भरा
रश्मियों का वंदन है तुम्हें
कलरव करती पक्षी सूर साधें
फूलों पर तितलियों का वंदन है तुम्हें
सरोवर की पलकों पर बैठी
कुमुदिनी का वंदन है तुम्हें
आशाओं के आंगन में
अल्पना से वंदन है तुम्हें
करकमलों में गोविनदाय तुम्हें
मेरे हृदय से वंदन है तुम्हें