हमर आवाज की प्रस्तुति - महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की जानकारी श्रृंखला।

हमर आवाज की प्रस्तुति - महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की जानकारी श्रृंखला।
हमर आवाज की प्रस्तुति - महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की जानकारी श्रृंखला।

 नमस्कार पाठकों। हम सभी को पता है कि, सरकार के माध्यम से तरह तरह की योजनाएं आम जनता के लिए लाई जाती है। ताकि जनता उन योजनाओं का लाभ उठाकर सकारात्मक तरीके से अपना विकास कर सके। इसी उद्देश्य से हम भी राज्य में लागू विभिन्न प्रकार के योजनाओं से अपने पाठकों को अवगत कराएंगे और इन योजनाओं की जानकारी आप सभी के साथ साझा करेंगे। ये सभी जानकारी अलग अलग क्षेत्रों से जुड़ी हुई होगी जैसे शिक्षा,बिजली,कला ,उद्योग इत्यादि। तो इन्ही क्षेत्रों संबंधित योजनाओं की जानकारी का व्यवस्थित श्रृंखला हम आप पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे ।इसी श्रृंखला की पहली कड़ी के रूप में आज हम विभिन्न महत्वपूर्ण शैक्षणिक योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत करेंगे जो आजकल हमारे राज्य में क्रियान्वित हो रहा है। 

तो दोस्तो वे मुख्य और महत्वपूर्ण शैक्षणिक योजनाएं निम्नलिखित है:-

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना

इस योजना का शुभारंभ 1 नवंबर 2020 को छत्तीसगढ़ की स्थापनत दिवस के अवसर पर हुआ था।

इस योजना का शुभारंभ इस राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा हुई

यह योजना स्वामी आत्मानंद जी के नाम पर रखा गया है जो स्वामी विवेकानंद जी के मठों के अनुयाई थे।

इस योजना के प्रथम चरण प्रावधान में 52 अंग्रेजी माध्यम संचालित किए गए थी

इस योजना की लोकप्रियता को देखते हुए हर जिलों में हर विकासखंड समूहो में अंग्रेजी माध्यम स्थापित करने की योजना है।

इस स्कूल में 6 वी से लेकर 12 वी तक निशुल्क अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने का प्रावधान है।

सरस्वती सायकल योजना

इस योजना का शुभारंभ सन 2004-05 में हुआ

इस योजना का उद्देश्य है की बालिकाओं के परिवहन व्यवस्था किया जाए जिसके अंतर्गत निशुल्क सायकल वितरण का प्रावधान है

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक पात्रता होना अनिवार्य है जिसमे बालिका को 9 वी कक्षा में अध्यनरत होना चाहिए। और सभी gen/obc/ sc/st और बीपीएल परिवारों की बालिकाएं इस योजना के लिए पात्र है।

छत्तीसगढ़ सूचना शक्ति योजना

इस योजना का शुभ आरंभ 2005 में हुआ था ।जिसका उद्देश्य बालिकाओं में कंप्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देना था।

2005 से पहले इस योजना का नाम इंदिरा सूचना शक्ति योजना था।

इस योजना के संचालन के लिए आइसेक्स और एन आईआईटी के साथ अनुबंध किया गया था 

मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना

इस योजना का शुभारंभ 2010 में राज्य सरकार के माध्यम से किया गया है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य नक्सल हिंसा से पीड़ित क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार को बढ़ावा देना है।

वर्तमान में इस योजना का क्रियान्वयन मुख्यता चार घटकों के माध्यम से होता है जो हैं आस्था , निष्ठा,सहयोग और प्रयास है।

आस्था के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों को पहली कक्षा से बारहवी कक्षा तक गुरुकुल शिक्षा पद्धति से शिक्षा दी जाती है। इस शिक्षा के लिए दंतेवाड़ा में आस्था गुरुकुल आवासीय विद्यालय 2007 से संचालित किया जा रहा है।

निष्ठा के तहत गांव के बच्चों के शिक्षा के लिए सरकारी प्रयासों के साथ साथ समाजसेवी संस्थाओं के प्रयासों का सहयोग लिया जाता है।

सहयोग के अंतर्गत नक्सल हिंसा से बेसहारा हुए बच्चों को कॉलेज स्तर तक की पढाई की सुविधा देने का प्रावधान है।

प्रयास के अंतर्गत कोचिंग संस्थान संचालन की योजना बनाई गई है जिसमे अनुसूचित जनजातियों के बच्चे,नक्सल प्रभावित इलाकों के 10 वी में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए छात्र इन संस्थाओं में प्रवेश लेने हेतु पात्र हैं।इस योजना में 11 वी और 12 वी कक्षा तक की निशुल्क शिक्षा प्रदान करते हुए राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए निशुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत राज्य में कुल 9 प्रयास विद्यालय संचालित है।

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय योजना

इस योजना का शुभारंभ अगस्त 2004 में भारत सरकार के माध्यम से हुआ है।

इस योजना का उद्देश्य दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में निवासरत और शाला त्यागी बच्चों और विभिन्न समुदायों के उच्च प्राथमिक स्तर के बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना है।

इसके लिए 10 वर्ष से अधिक विभिन्न कारणों से वंचित बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाती है।साथ ही प्रदेश के 27 जिलों में से 23 जिलों में कुल 93 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित की गई है।

निशुल्क पाठ्य पुस्तक प्रदाय योजना

इस योजना के अंतर्गत शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 1 से 8 स्तर के सारे बच्चों को दो सेट निशुल्क गणवेश दिया जाता है।

मध्याह्न भोजन कार्यक्रम

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कक्षा पहली से आठवीं तक के सारे छात्र छात्राओं को पका हुआ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

इस योजना को केंद्र और राज्य सरकार दोनो मिलकर संचालित करते हैं जिसके लिए इस योजना में हुए कुल व्यय का 75 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करती है और 25 प्रतिशत राज्य सरकार।

मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना

इस योजना का शुभारंभ राज्य सरकार द्वारा सन 2007-08 में किया गया।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देकर उनमे निरंतरता लाना है।

इस योजना के अंतर्गत माधमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10 वी 12 वी की परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने वाले अनुचित जाती वर्ग के 300 विद्यार्थियों व अनुसूचित जनजाति वर्ग के 700 विद्यार्थियों को एकमुश्त 15000 रूपये दिए जाने का प्रावधन है।