सीएम बघेल को केंद्र की राजनीति में जाना है तो किसी और को बना दें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री : बृजमोहन

धान खरीदी के मुद्दे पर अपने निज निवास पर रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेलपर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अगर सीएम को केंद्र की राजनीति करनी है तो दूसरे को सीएम का चार्ज सौंप दें. जबकि अग्रवाल ने धान खरीदी के मुद्दे पर सीएम भूपेश को आड़े हाथों लिया है.

सीएम बघेल को केंद्र की राजनीति में जाना है तो किसी और को बना दें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री : बृजमोहन

सीएम का छत्तीसगढ़ से लगातार बाहर रहना जनता के साथ अन्याय

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ की जनता ने जिताया है. उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है. वह इस बात को तय कर लें कि उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में जाना है तो किसी दूसरे को मुख्यमंत्री का यहां पर चार्ज दे दें. अभी कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. छत्तीसगढ़ में भी विदेशों से लोग आ रहे हैं और ऐसे समय पर मुख्यमंत्री का लगातार बाहर रहना छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय है. मुख्यमंत्री यहां कहते हैं कि 24000 करोड़ रुपये दिल्ली से लेना है, पर जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  से मिलते हैं तो उनके सामने जबान नहीं खुलती. क्योंकि इनको मालूम है खाली छत्तीसगढ़ को नहीं पूरे देश के साथ केंद्र की सरकार न्याय करती है. वहां जब वे निर्मला सीतारमण से जब मिले तो उन्होंने क्यों नहीं कहा. इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रहे हैं.

किसानों से मंडी टैक्स ज्यादा लेकर खुले बाजार में धान बेचने को मजबूर कर रही सरकार

यह सरकार लूट की सरकार है. करीब 1965 रुपये का धान है और उस पर 5 प्रतिशत मंडी टैक्स मतलब करीब 100 रुपया. यह मंडी टैक्स 1 क्विंटल के ऊपर सरकार लेगी. बाजार में धान का रेट खुले बाजार में उतना नहीं होगा तो किसानों को औने-पौने दाम पर खुले बाजार में धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. पहले मंडी टैक्स 1 प्रतिशत हुआ करता था, उससे बढ़ाकर दो पर्सेंट किया. 2 पर्सेंट टैक्स में दिल्ली के दो पर्सेंट टैक्स को इन्होंने 5 प्रतिशत कर दिया. जब 15 साल में हमने कभी नहीं बढ़ाया तो खाली दिल्ली की सरकार से जो धान सपोर्ट प्राइस में खरीदते हैं, उसके बदले मंडी टैक्स की वसूली के लिए इन्होंने टैक्स बढ़ाया है. इनको यह नहीं मालूम है यह जो धान खरीदते हैं उतनी धान खुले बाजार में किसान बेचता है.

मंडी टैक्स में वृद्धि कर किसानों को लूट रही राज्य सरकार

पूरे प्रदेश में करीब 46 लाख किसान हैं. 46 लाख किसानों में से 23 लाख किसान रजिस्टर्ड  हैं, जो सपोर्ट प्राइस पर धान बेचते हैं. बाकी 23 लाख जो किसान धान बेचते हैं, वह बाहर बेचते हैं. मंडी टैक्स के बढ़ने के कारण इनडाइरेक्ट रूप में उसका भार जो आएगा, वह किसानों पर आएगा. किसानों को धान औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. यह सरकार किसानों को लूटने का काम कर रही है. जनता को लूटने का काम कर रही है. केंद्र के खजाने को लूटने का काम कर रही है.