भूपेश बघेल के समर्थन पर टीएस सिंहदेव ने कहा-" भाई को धन्यवाद "
मंत्री टीएस सिंहदेव ने हसदेव मामले में भूपेश बघेल के साथ आने पर उन्हें ट्वीट कर धन्यवाद दिया है. सिंहदेव ने कहा कि "भूपेश भाई को धन्यवाद"
हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन में सीएम भूपेश बघेल का समर्थन मिलने के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव ने उनको धन्यवाद दिया है. टीएस ने ट्वीट कर कहा कि "भूपेश भाई को हसदेव आंदोलन पर बयान के लिए आभार. लगभग 100 दिन से लगातार आंदोलनरत ग्रामीणों की बात पर उन्होंने उनके पक्ष में सहमति जताई है. प्रश्न आंदोलन कर रहे ग्रामीणजनों के व्यापक और संवैधािक हित का है. उनके साथ खड़े होने पर @bhupeshbaghel भाई को पुनः धन्यवाद". (TS Singhdeo tweet to Bhupesh Baghel)
टीएस सिंहदेव सोमवार को हसदेव अरण्य आंदोलन क्षेत्र के दौरे पर थे. यहां उन्होंने ग्रामीणों के इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया. ग्रामीणों से मुलाकात में उन्होंने कहा था कि "अगर आप एकजुट हैं और आपको दबाया जा रहा है. आपको परेशान किया जायेगा तो आप निश्चिंत रहिये मैं हमेशा आपकी लड़ाई लड़ने के लिए आपके साथ खड़ा हूं. आपको एकजुट रहना होगा. फिर चाहे गोली चले या डंडा, पहली गोली और डंडा मैं खाऊंगा"
सिंहदेव ने ये भी कहा था कि "मैं दिल्ली जाकर आप सबकी मंशा, आपकी पीड़ा और हसदेव अरण्य को बचाने की मांग से हमारे नेता राहुल गांधी को अवगत कराऊंगा. उन्होंने पहले भी इस क्षेत्र में आकर हसदेव अरण्य को बचाने पर जोर दिया था और अभी विदेश में रहते हुए आपके आंदोलनों को राहुल गांधी ने जायज बताया है. मैं आपकी बात उन तक पहुंचाऊंगा.
सिंहदेव के आंदोलनकारी ग्रामीणों से किए वादे पर भूपेश बघेल ने कहा था कि "हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन में अगर कोई गोली चलाएगा तो उसके ऊपर गोली चल जाएगी. बाबा साहब उस क्षेत्र के विधायक हैं अगर वो नहीं चाहते तो पेड़ क्या पेड़ की डाली भी नहीं कटेगी". भूपेश बघेल के इस बयान पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुशी जताई और ट्वीट कर उनका धन्यवाद कर आभार जताया.
छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले का वो जंगल है जो मध्यप्रदेश के कान्हा के जंगलों से झारखंड के पलामू के जंगलों को जोड़ता है. यह मध्य भारत का सबसे समृद्ध वन है. हसदेव नदी भी खदान के कैचमेंट एरिया में है. हसदेव नदी पर बना मिनी माता बांगो बांध जिससे बिलासपुर, जांजगीर-चाम्पा और कोरबा के खेतों और लोगों को पानी मिलता है. इस जंगल में हाथी समेत 25 वन्य प्राणियों का रहवास और उनके आवागमन का क्षेत्र है
भारतीय वन्य जीव संस्थान (WII) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पहले से संचालित खदानों को नियंत्रित तरीके से चलाना होगा. इसके साथ ही सम्पूर्ण हसदेव अरण्य क्षेत्र को नो गो एरिया घोषित किया जाए. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह चेतावनी भी है कि अगर खनन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई तो मानव हाथी संघर्ष को संभालना लगभग नामुमकिन हो जायेगा.