Microsoft का सर्वर ठप होने से पूरी दुनिया में मची अफरा-तफरी, भारत समेत एयरलाइन कंपनियों का कामकाज ठप

Microsoft का सर्वर ठप होने से पूरी दुनिया में मची अफरा-तफरी, भारत समेत एयरलाइन कंपनियों का कामकाज ठप

नई दिल्ली। दुनिया भर में Microsoft का सर्वर ठप हो गया है। पिछले 10 घंटों से सर्वर डाउन चल रहा है। इससे आम लोगों के साथ ही कई दिग्गज कंपनियों के कामकाज पर असर पड़ा है। इनमें ब्रिटेन की ब्रॉडकॉस्टिंग कंपनी स्काई न्यूज से लेकर भारत की अकासा एयरलाइंस और अमेरिका की फ्रंटियर एयरलाइंस शामिल हैं।दुनिया भर में लाखों माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ एरर का अनुभव कर रहे हैं। इसके कारण लोगों का सिस्टम अचानक बंद हो जा रहा है या फिर अपने आप चालू हो जा रहा है। इस खराबी के पीछे का कारण कंपनी ने क्राउडस्ट्राइक अपडेट को बताया है।माइक्रोसॉफ्ट आउटेज होने की वजह से दुनिया भर की प्रमुख एयरलाइनों पर काफी असर पड़ा है। दिल्ली और मुंबई सहित उनके उड़ान संचालन पर बड़ा असर डाला है।माइक्रोसॉफ्ट आउटेज का असर अकासा एयरलाइंस पर भी पड़ा है। मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों पर इसकी कुछ ऑनलाइन सेवाएं अस्थायी रूप से बंद हो गई है। कंपनी को हाल में उड़ानों पर अपडेट के लिए तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट आउटेज होने की वजह से इंडिगो का सिस्टम प्रभावित हुआ है। इनकी फ्लाइट बुकिंग, चेक-इन, बोर्डिंग पास समेत कुछ उड़ाने प्रभावित हो रही है। एयरलाइंस ने एक्स पर लिखते हुए कहा कि उनका सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर के साथ चल रही समस्या की वजह से प्रभावित है।माइक्रोसॉफ्ट के मौजूदा आउटेज की वजह से उसके डिजिटल सिस्टम पर अस्थायी रूप से असर पड़ा है। जिसके कारण चेक-इन और बेर्डिंग में देरी हो रही है। एयर इंडिया की तरफ से कहा गया है कि “हमें हुई असुविधा के लिए खेद है और हम अपने मेहमानों से अनुरोध करते हैं कि वे अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं।”माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर खराब होने की वजह से जापान का नारिता हवाई अड्डा प्रभावित हुआ है। जापान के जेटस्टार, जेजू एयर, क्वांटास, एचके एक्सप्रेस और स्प्रिंग जापान जैसी एयरलाइनों के सिस्टम में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बर्लिन हवाई अड्डे पर उड़ानों के संचालन में तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा। स्पेन के सभी एयरपोर्ट प्रभावित हुए है।दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट भी इसकी वजह से प्रभावित हुआ है। यहां पर चेक-इन प्रक्रिया को मैन्युअल रूप से प्रबंधित किया जा रहा है।