हिन्दू नववर्ष और नवरात्रि
श्यामा चंद्राकर मोना ✍️ रायपुर छत्तीसगढ़

ब्रह्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन की थी। इसी के चलते पंचांग के अनुसार, हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नववर्ष शुरू हो जाता है। इस बार हिंदू नववर्ष, 13 अप्रैल 2021 से शुरू होगा। विक्रम संवत्सर 2078 हिन्दू नववर्ष प्रारंभ होगा । यह आनंद नामक संवत् होगा ।
इसी दिन चैत्र मास की नवरात्रि शुरू होती है और भारत में इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है । इसे गुड़ी पड़वा भी कहते हैं । हिन्दू नववर्ष के बाद से ही सब शुभ कार्य फिर से शुरू हो जातें हैं ।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व :-
1) इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।
2) सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।
3) प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है।
4) शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है।
5) सिखों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है।
गीत
स्नेह की बाती जलायी है
प्रेम भाव से रंगोली बनाई
भक्ति का भोग लगाया है माँ
मन का फूल सजाया है माँ
स्वागत है आओ आओ माँ
हम सब का कल्याण करो माँ
परिस्थितियां हैं कठिन बहुत
इस संकट से जूझ रहे हैं
जीवन है मृत्यु को ग्रसित
हम सबको उबारो माँ
स्वागत है आओ आओ माँ
हम सब का कल्याण करो माँ
समय ये कैसा आया जीवन में
मानव डर रहा मानव से
सब लोग हैं घरों में कैद
इस विपदा को दूर भगाओ माँ
स्वागत है आओ आओ माँ
हम सब का कल्याण करो माँ