शासकीय दंतेश्वरी पी. जी. महिला महाविद्यालय, जगदलपुर के छात्राओं के लिए वर्मिकंपोस्ट एवं गार्डेनिंग और फ्लोरिकल्चर पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग

शासकीय दंतेश्वरी पी. जी. महिला महाविद्यालय, जगदलपुर के वनस्पति विज्ञान (Gardening and Floriculture) एवं प्राणीशास्त्र (Vermiculture and Vermicompost) विषयों के द्वितीय सेमेस्टर की छात्राओं के लिए शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय, कुम्हरांवंड, जगदलपुर (छ.ग.) में दिनांक 05 मई 2025 को एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को NEP पाठ्यक्रम के तहत स्किल एन्हांसमेंट कोर्स से संबंधित विषयों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना तथा उनकी व्यावसायिक संभावनाओं के प्रति जागरूक करना था।
इस भ्रमण में कुल 60 छात्राओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव गुहे के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में तथा डॉ गुलाब चंद साहू (सहायक प्राध्यापक, वनस्पति विज्ञान) एवं सुश्री पद्मिनी ठाकुर, अतिथि व्याख्याता (प्राणीशास्त्र) के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। वर्मिकंपोस्ट प्रशिक्षण के दौरान *Vermicompost एक्सपर्ट श्री राजेश पटेल (प्रोजेक्ट फैलो) ने वर्मीकंपोस्ट की निर्माण प्रक्रिया, उसमें प्रयुक्त सामग्री, देखभाल की विधि तथा वर्मी पिट की संरचना आदि पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से वर्मीकंपोस्ट के व्यावसायिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि वर्मीकंपोस्ट को एक सफल व्यवसाय के रूप में स्थापित किया जा सकता है। एक चक्र को पूरा होने में लगभग तीन माह का समय लगता है।
प्रति चक्र लगभग 1 से 1.25 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है।
इस तरह सालाना 3 से 4 लाख रुपये तक शुरुआती चरण में कमाने की संभावना है।
उन्होंने किसानों और उद्यमियों के लिए इसके लाभों को भी समझाया।
Gardening and Floriculture प्रशिक्षण में हॉर्टिकल्चर एक्सपर्ट डॉ. मुकेश कुमार साहू (साइंटिस्ट) ने बागवानी एवं पुष्पकृषि के तहत ग्राफ्टिंग तकनीकों, गार्डनिंग में पौधों के रख-रखाव तथा सजावटी पौधों के महत्व पर विशेष जानकारी प्रदान की। उन्होंने पॉलीहाउस के प्रकार, उसकी संरचना एवं बजट की विस्तृत जानकारी दी, जिससे छात्राओं को ग्रीन हाउस टेक्नोलॉजी की व्यावहारिक समझ प्राप्त हुई। डॉ. साहू ने छात्राओं को व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी जानकारी दी कि कैसे ये तकनीकें रोजगार के नए अवसर उत्पन्न कर सकती हैं।
छात्राओं ने पूरे कार्यक्रम में गहरी रुचि दिखाई और अपनी जिज्ञासाओं को स्पष्ट किया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने प्रायोगिक तौर पर वर्मीकंपोस्ट इकाई का अवलोकन किया और ग्राफ्टिंग तकनीक को प्रत्यक्ष रूप से समझा।