बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

अक्टूबर माह की असामान्य बारिश ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही वर्षा से खेतों में जलभराव हो गया है, जिससे धान की खड़ी फसल पर भूरा माहो, ब्लास्ट, शीथ ब्लाइट और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसे रोग तेजी से फैल रहे हैं।

धूप नहीं निकलने से पौधे कमजोर हो रहे हैं, और कीटनाशकों के बार-बार उपयोग के बावजूद किसानों को राहत नहीं मिल रही।

पिछले पंद्रह दिनों से बीमारियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। ज्यादा बारिश के कारण धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं और लागत में भारी वृद्धि हो रही है। सब्जियों की फसलें जैसे लौकी, टमाटर, भिंडी और बैंगन भी प्रभावित हैं, जिनकी जड़ें गलने लगी हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार यह समय धान के लिए बेहद संवेदनशील है, क्योंकि अधिकांश फसलें बाली और फूल की अवस्था में हैं। लगातार नमी से परागण प्रभावित हो रहा है, जिससे उत्पादन 25–30% तक घट सकता है।

सरकार ने 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की घोषणा की है, लेकिन खेतों में नमी रहने से समय पर धान मंडियों तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है।