संपत्ति से जुड़े मामले में कम नही हो रही आसिफ की मुश्किलें
युवा कांग्रेस के नेता रहे आसिफ मेमन पर कुछ साल पहले कोर्ट के निर्देश पर हुई एफआईआर के बाद से मीडिया में यह प्रकरण बार बार सुर्खियों में रहते आया है।
रायपुर । युवा कांग्रेस के नेता रहे आसिफ मेमन पर कुछ साल पहले कोर्ट के निर्देश पर हुई एफआईआर के बाद से मीडिया में यह प्रकरण बार बार सुर्खियों में रहते आया है।
प्रकरण से जुड़े घटनाकर्मो को लेकर अखबार से सोशल मीडिया तक सुर्खियों की वजह आसिफ मेमन का इस प्रकरण में आज तारीख तक जमानत नही मांगना है।
पिछले माह पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चालान पेश करते हुए आसिफ मेमन को फरार करार दिया था जिसके बाद आसिफ के विरुद्ध इलेक्शन कमिशन में भी पुलिस पर आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने दबाव बनाया गया था।
मामले में नया अपडेट यह है की पुलिस के बाद कोर्ट ने भी आसिफ मेमन को फरार घोषित कर तीन तारीख तक न्यायलय में उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है।
इस पूरे मामले के केंद्र में एक महिला नूर बेगम का नाम बार बार आता है इसके साथ ही कभी आसिफ मेमन का कामकाज देखने वाले युवक आशीष शिंदे की भूमिका आती है।
सूत्री के अनुसार 2017 में आसिफ मेमन ने नूर बेगम के नाम अलग अलग खसरे और मौकों की लगभग आधा दर्जन बेशकिमतें जमीनें अमानत में रखवाई थी और महिला नूर बेगम की देखभाल का जिम्मा दिया था अपने करीबी युवक आशीष शिंदे को।
संपत्ति करोड़ो रुपयों की थी और बदले में कुछ लिखा पढ़ी और उससे बढ़कर था आसिफ का शिंदे पर भरोसा।आशीष और नूर बेगम आपस में एक हो गए और सारी जमीनें जो नूर बेगम के नाम आसिफ की अमानत थी उन्हें बाजार में बेच कर करोड़ों रुपए बना लिए गए।
इन्ही अमानती जमीनों में दो जमीन आसिफ ने अपने और अपने भाई के नाम रजिस्ट्री करवाई थी इन जमीनों पर आसिफ की बगैर जानकारी के शिंदे ने नूर बेगम के साथ मिलकर चेक घुमा कर सात चेक बाउंस करवा कर कांग्रेस की सरकार बनते ही उच्च संपर्क के माध्यम से पुलिस से कोर्ट तक कानूनी घेरेबंदी शुरू कर दी।
मामले में आसिफ मेमन के वकील आदित्य वर्मा से हमने बात की।आदित्य वर्मा ने इस पूरे प्रकरण का व्यवहारिक पक्ष बताते हुए कहा की धोखा नूर बेगम और रवि चोरहा उर्फ आशीष शिंदे ने मिलकर दिया है और जिसके साथ धोखाधड़ी हुई है उल्टे उसे ही आरोपी बनाकर कटघरे में खड़े कर दिया गया ।
बहरहाल आसिफ मेमन ने आज तक जमानत लेने का प्रयास नहीं किया जिसके चलते पहले पुलिस और अब कोर्ट से उनके खिलाफ फरार घोषित करने का आदेश आया है
जिसकी कतरने और तस्वीर उनके विरोधी हर बार की तरह व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल करने में जुटे हुए हैं।