लखीमपुर खीरी हिंसा पर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. कोर्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस को अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा कोर्ट को देना है. हफ्ते भर पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जांच को लेकर यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई गई थी.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस बात पर असंतोष जताया था कि पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर रखने पर जोर नहीं दिया. उन्हें आसानी से न्यायिक हिरासत में जाने दिया. कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों के बयान दर्ज न होने के लिए भी एसआईटी को फटकार लगाई थी.
पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्व ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट में एक स्टेट्स रिपोर्ट फाइल की गई है, जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी गवाहों के बयान 164 में क्यों दर्ज नहीं हुए सिर्फ 4 के ही क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी घटना के बाकी चश्मदीदों के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज करने को कहा.
बता दें, प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ मामले पर सुनवाई कर रही है. इसी पीठ ने आठ लोगों की 'बर्बर' हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर आठ अक्टूबर को असंतोष व्यक्त किया था. मामले में अभी तक केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है
शीर्ष अदालत ने आठ अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के आरोपियों को गिरफ्तार ना करने के कदम पर सवाल उठाए थे और साक्ष्यों को संरक्षित रखने का निर्देश दिया था.