गीत
मोना चन्द्राकर 'मोनालिसा' रायपुर छत्तीसगढ़
अद्भुत तेरा मेरा परिणय है
सिन्धु सा गहरा प्रणय है
कच्चे धागे में बंधकर जुड़े हृदय के तार
तुम्हीं मेरी मांग भरो विनती करूं हर बार
मधुर सा बंधन जैसे मलय है
सिन्धु सा गहरा प्रणय है
मिलते हैं ऊंची नीची राह जीवन डगर में
मेरा हाथ थामे चलो सदा इस सफर में
सागर सा घना प्रेम आलय है
सिन्धु सा गहरा प्रणय है
मन में तुम्हीं बसे हो मेरी प्रीत बनकर
तन में बिखरे मोती मेरी शीत बनकर
हाथों में तेरे नाम का वलय है
सिन्धु सा गहरा प्रणय है