गुलाब के फूलों जैसे
मोना चन्द्राकर मोनालिसा रायपुर छत्तीसगढ़
गुलाब के फूलों जैसे
सुंदर सलोने रहो
चाहे कांटों के बीच रहो
लेकिन सदा खिलखिलाते रहो
रजनीगंधा के फूलों जैसे
महकती हुई शांत रहो
भले ही क्रोध के समय
मौन रहना पड़े लेकिन शांत रहो
रात रानी के फूलों जैसे
रात में खुद टूट जाओ
अपनी खुशबू बिखरते रहो
दिन में फिर से खुद को समेट लो
मोगरे के फूलों जैसी
कोमलता अपने मन में रखो
भले ही बाहर कठोर दिखो
मन से किसी का भला ही सोचो
फूलों ने कहा है दिखो
मेरे जैसे सुंदरतम
हमको मेरे जैसे
तुम हरदम
रहो मेरे जैसे
प्रफुल्लित आनंदित
करो मेरे जैसे
सबको प्रभावित