शासकीय दंतेश्वरी पी.जी. महिला महाविद्यालय, जगदलपुर में रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

शासकीय दंतेश्वरी पी.जी. महिला महाविद्यालय, जगदलपुर में रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

आज दिनांक 22 अप्रैल 2025 को अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर हमारे महाविद्यालय में रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव गुहे की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से श्री सत्यनारायण सोनंत, डॉ. प्रिंसी दुग्गा, डॉ. तृप्ति खनंग, एवं श्रीमती मनीषा नायडू ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने पृथ्वी के संरक्षण और सतत विकास के महत्व को रेखांकित करते हुए जल, वायु, वन, पारिस्थितिकी तंत्र और वन्यजीवों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।

वक्ताओं ने कहा कि पृथ्वी केवल मानव की ही नहीं, अपितु समस्त जीव-जंतुओं और प्रकृति का साझा घर है। यदि हम इसे सुरक्षित नहीं रखेंगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ एक संकटग्रस्त वातावरण में जीवन जीने को मजबूर होंगी।

विशेष रूप से कार्यक्रम में निशा शर्मा (बी.एससी. द्वितीय सेमेस्टर) ने भी अपनी बात रखते हुए वर्तमान समय में स्वच्छ ऊर्जा और हरियाली संरक्षण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव गुहे द्वारा अपने उद्बोधन में 
"हमारी शक्ति, हमारे ग्रह" विषय पर उन्होंने कहा कि पृथ्वी दिवस,55 वर्षों से दुनिया में जनता को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान हेतु कार्रवाई करने के लिए शिक्षित और एकत्रित कर रहा है। पूरा विश्व, ग्रह के स्वास्थ्य के लिए,  हवा, जल, मिट्टी, पारिस्थितिक तंत्र, वन्यजीवों और मानव स्वास्थ्य के संरक्षण की प्रयास कर रहे। हैं। 22 अप्रैल, 2025 को पृथ्वी दिवस की 55 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 192 देशों और दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग भाग  रहे हैं।

इस पृथ्वी दिवस 2025, चलो हम स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को अपनाने का संकल्प लें ताकि सभी के लिए एक स्वस्थ, स्थायी, समान और समृद्ध भविष्य का निर्माण किया जा सके। वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को तिगुना करने का संकल्प किया गया है। 

भारत ने ग्रीन ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जो 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% नवीनीकरण स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है। स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने से स्वास्थ्य लाभ एवं मानवता में एक क्रांति ला सकती है। 
इतिहास में पहली बार, हमारे पास सभी को लगभग असीमित, कम लागत वाली ऊर्जा प्रदान करने का एक मार्ग है।
जीवाश्म ईंधन के जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने से श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों, जैसे अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, दिल का दौरा, और स्ट्रोक का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। 

महिलाएँ वायु और जल प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील होती हैं। ये खतरें स्तन कैंसर और मातृत्व स्वास्थ्य में बढ़ते जोखिम से जुड़े होते हैं। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद करती है, जैसे गर्म हवाएँ, बाढ़ और संक्रामक बीमारियों का फैलाव। मानसिक स्वास्थ्य को प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ध्वनि प्रदूषण और पर्यावरणीय आपदाओं से जुड़े तनाव और चिंता को कम करके बेहतर बनाया जा सकता है। पानी के प्रदूषण को कम करना, पानी जनित बीमारियों के जोखिम को काफी कम कर सकता है। प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से जुड़े स्वास्थ्य देखभाल से खर्चों को कम किया सकता है। नवीनीकरण उर्जा,  ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करती है और यह ग्रीन एनर्जी  जो हमारे चारों ओर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, सूर्य, हवा, पानी, कचरे के रूप में प्रकृति द्वारा पुनः भरा जाता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ गुलाब चंद साहू ने किया । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं छात्राएं उपस्थित थे।