सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में हाईटेक नकल: 'मुन्नी बहनों' की चालाकी बेनकाब

लोक निर्माण विभाग की सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में बिलासपुर के एक परीक्षा केंद्र पर हाईटेक नकल का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक छात्रा अंदर परीक्षा दे रही थी और उसकी सहेली बाहर वॉकी-टॉकी से जवाब बता रही थी। लेकिन एनएसयूआई से जुड़े दो छात्रों की सतर्कता ने इस मुन्ना भाई नहीं, मुन्नी बहनों की नकल गैंग का भंडाफोड़ कर दिया।
कैमरे से सवाल भेजे, वॉकी-टॉकी से जवाब
यह घटना सरकंडा स्थित शासकीय रामदुलारे बालक उच्चतर माध्यमिक शाला मुक्तिधाम केंद्र की है। सब इंजीनियर के 113 पदों पर भर्ती के लिए शनिवार को आयोजित परीक्षा में एक छात्रा ने अपने अंतरवस्त्र में कैमरा फिट कर रखा था, जिससे वह प्रश्नों की लाइव तस्वीर बाहर भेज रही थी। वहीं उसकी साथी युवती टेंपो में बैठकर वॉकी-टॉकी से गूगल पर सर्च कर जवाब बता रही थी।
एनएसयूआई नेताओं की सतर्कता से फूटा मामला
एनएसयूआई के छात्र नेता विकास सिंह और मयंक सिंह गौतम को इस हाईटेक नकल की सूचना मिली थी। उन्होंने अपनी संगठन की छात्राओं को मौके पर भेजकर पुष्टि की और फिर खुद पहुंचकर बाहर बैठी युवती को रंगे हाथों पकड़ लिया। पूछताछ में युवती घबराई और सहेली का नाम बताने से इनकार करती रही। परीक्षा खत्म होने के बाद जब अंदर बैठी छात्रा बाहर आई और अपनी सहेली को घिरा देखा तो वह भागने की कोशिश करने लगी, लेकिन पकड़ी गई।
कैमरा, माइक, वॉकी-टॉकी जब्त
छात्र नेताओं की सूचना पर परीक्षा ड्यूटी में लगी महिला शिक्षिकाओं ने तलाशी ली और छात्रा के अंतरवस्त्रों से टेप से चिपका कैमरा और माइक बरामद किया। जवाब भेज रही युवती से वॉकी-टॉकी भी जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों छात्राएं अंबिकापुर से आई थीं। नकल करने वाली छात्रा की उत्तरपुस्तिका को विशेष रूप से चिह्नित कर अलग रखा गया है।
एफआईआर की तैयारी, परीक्षा मंडल को सूचना
परीक्षा केंद्राधीक्षक ने घटना की जानकारी व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) और स्थानीय प्रशासन को दे दी है। परीक्षा के बाद मामला एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में है और तकनीकी उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की भी संभावना है।
एनएसयूआई का दावा – पहले से थी जानकारी
एनएसयूआई के छात्र नेता विकास सिंह ने बताया, "हमें पहले से सूचना मिली थी कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल करवाई जा रही है। हमारी टीम ने पहले वस्तुस्थिति का निरीक्षण किया और फिर कार्रवाई की। हमारी कोशिश है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की पवित्रता बनी रहे और प्रतिभावान छात्र ठगे न जाएं।”
अब सवाल – कितने केंद्रों पर हुआ ऐसा खेल?
इस मामले ने व्यापमं की परीक्षा प्रणाली और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब ये भी जांच का विषय है कि क्या यह कोई संगठित गैंग है, और क्या ऐसी तकनीक का इस्तेमाल अन्य केंद्रों पर भी हुआ है।
फिलहाल, छात्राओं के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है और परीक्षा मंडल पूरे घटनाक्रम की समीक्षा कर रहा है।