नवीन शासकीय महाविद्यालय माना में आज साहस और वीरता के प्रतीक महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती

नवीन शासकीय महाविद्यालय माना में आज साहस और वीरता के प्रतीक महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती

नवीन शासकीय महाविद्यालय माना में आज साहस और वीरता के प्रतीक महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती डाँ. कीर्ति तिवारी के संरक्षण में , इतिहास विभाग द्वारा मनाई गई l    छात्र छत्राओ ने शिवाजी के बारे में संस्मरण सुनाकर उन्हें नमन करते हुए याद किये l छात्रो ने शिवाजी को स्मरण कर बताया कि हिंदू धर्म, गौ रक्षा करना शिवाजी का पालन पोषण हिंदू परंपरा में हुआ था तथा तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक परिस्थितियो के प्रति भी वे पूर्ण सजग थे मुस्लिम सुल्तानो द्वारा हिंदू जनता पर किए गए धार्मिक एवं सामाजिक अत्याचारों से शिवाजी पूर्णरूपेण अवगत थे l उन्होंने समकालीन संतों की रचनाओं भजनों, कीर्तनों , एवं पौराणिक गाथाओ से भी शिक्षा ग्रहण की इससे शिवाजी ने अपने मन में यह संकल्प कर लिया था कि वे आदिलशाहीं सुलतानों अथवा मुगलों के अधीन नहीं रहेंगे l इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डाँ. सी के चंद्राकर ने छात्रो को संबोधित करते हुए बताया कि हिंदू स्वराज की स्थापना करना , संपूर्ण भारत में हिंदू स्वराज स्थापित करना अपना लक्ष्य बनाया शिवाजी महाराज ने हिंदू धर्म के रक्षक के रूप में मैदान में उतरे और मुसलमानों के विरुद्ध उन्होंने “धर्म युद्ध” की घोषणा की l वे विदेशी अत्याचारों को भलीभाँति समझते थे वे भारत देश  को अन्याय से मुक्त करना चाहते थे l वे विभिन्न दुर्गों पर अधिकार कर लिया था l पुर्तगाली कर्नाटक पर शिवाजी के आक्रमण  भी हुआ सन् 1658 तथा 1659 ईसवी के बीच शिवाजी ने बीजापुर के अधीनस्थ कर्नाटक प्रदेश में भी आक्रमण  करना आरंभ का दिया था भारतवंशी के हित में l अंगेजों और मराठों के बीच समुद्री युद्ध 18 अक्टूबर 1679   मराठो एवं अंग्रेज़ी  जहाजो में युद्ध हुआ जिसमें मराठों की जीत हुई l मराठों ने अंग्रेज  सारजंट मेनलेवेर के अधीन “डोबर  जहाज “को पकड़ लिया और उसे  लूट लिया अंग्रेजों के अन्य जहाज भाग खड़े हुये l शिवाजी न केवल एक अच्छे सेनानायक ही थे  वरन् वे उच्च कोटि के सफल प्रशासक भी थे l वह एक निर्भीक सैनिक तथा सफल सैनिक विजेता भी थे ,वह अपनी प्रजा  का प्रबुद्धशाली शासक भी थे l सभी महान सेनानायको की भांति शिवाजी एक महान शासक था l सफल संगठनकर्ता तथा राजनीतिज्ञ भी थे l शिवाजी महाराज “वह भारत का अंतिम हिंदू राष्ट्र निर्माता था जिसने हिन्दुओं के मस्तक को एक बार पुनः उठाया “ आज के जयंती के अवसर पर वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक श्री अनुपम शर्मा , हिन्दी विभाग की प्राध्यापक संजू साहू , एनेश्वरी नरगिस ,रोबिन  सागर सहित छात्रो ने भी शिवाजी के द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख कर प्रस्तुति भी दी ,जिसमें प्रमुख रूप सें काजल मंडल, बिंदिया यादव,  लक्ष्मी यादव , शिवा मजूमदार, जयदेव हालदर , मधु घृतलहरे , जया मंडल , प्रियांशु सिकदार , ऋषि नाग ,  सानिया जांगड़े , सुजल दास , सोनाली बाईंन, अर्पिता डे शामिल रहें l