सिर्फ योजना और SOP बनाकर जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकती सरकार : हाईकोर्ट

हाईवे और शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों की वजह से हो रहे लगातार हादसों पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में रतनपुर रोड पर हुए हादसे में 8 गोवंश की मौत के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई।
बेंच ने कहा कि सरकार सिर्फ योजनाएं और SOP बनाकर जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकती। जब तक उनका सही क्रियान्वयन नहीं होगा, सड़कें हादसों का जाल बनी रहेंगी और इंसानों व मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा।
"आप वेलफेयर स्टेट हैं"
सीजे सिन्हा ने टिप्पणी की – “आप वेलफेयर स्टेट हैं। आपकी जिम्मेदारी है कि पंचायत से लेकर नगर निगम और प्रशासन तक सब मिलकर समाधान निकालें। सिर्फ कागजों पर योजनाएं बनाने से कुछ नहीं होगा।”
हादसों पर कोर्ट की नाराजगी
17 सितंबर की रात रतनपुर रोड पर 8 गोवंश की मौत हो गई थी। कोर्ट ने सवाल उठाया कि यदि हादसे रात में होते हैं तो गश्त रात 8 बजे तक ही क्यों सीमित है?
बेंच ने यह भी कहा कि सरकार फंड देती है और अधिकारी नियुक्त करती है, लेकिन ड्यूटी नहीं निभाई जाती। “आप चौड़ी सड़कें और हाईवे बनाते हैं, लेकिन उन पर मवेशी मर रहे हैं और लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं, यह कैसी व्यवस्था है?”
सामाजिक समस्या भी
कोर्ट ने माना कि यह सिर्फ प्रशासनिक ही नहीं बल्कि सामाजिक समस्या भी है। किसान भूसे को जलाने से चारे की कमी हो जाती है और मवेशी खुले में छोड़ दिए जाते हैं। चराई भूमि और गौशालाओं की बदहाल स्थिति भी बड़ी वजह है।
हाई कोर्ट के निर्देश
मुख्य सचिव को सभी सुझावों पर पुनर्विचार करने के आदेश
शहर और हाईवे पर मवेशी न दिखें, इसकी व्यवस्था हो
मवेशियों के लिए स्थायी आश्रय, पानी और चारे की व्यवस्था की जाए
पंचायत से लेकर नगर निगम तक सभी जिम्मेदार इकाइयाँ सक्रिय हों
मौतों का सिलसिला जारी
प्रदेश में मवेशियों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जयरामनगर रोड पर ट्रेलर से 14 मवेशी कुचले गए, जिसमें 10 की मौत हुई। गतौरा में एक दिन पहले 8 मवेशी मारे गए। बोदरी क्षेत्र में भी मवेशियों के झुंड से ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। किसानों ने फसल नुकसान और गौशाला योजनाओं के ठप होने पर नाराजगी जताई है।