उड़िया फिल्म दमन : बेहद ही सरल और सरकारी तंत्र को प्रेरित करने वाली फिल्म ।
फिल्म समीक्षा : उड़िया फिल्म दमन
क्षेत्रीय भाषीय ओडिया फिल्म दमन DAMAN जिसका विस्तृत नाम है "दुर्गम अंचल मलेरिया निराकरण"। एक सामान्य सी एक डॉक्टर के जीवन और उसके संघर्ष की कहानी जो एक एमबीबीएस डॉक्टर है जिसे डॉक्टरी की पढ़ाई पुरी करने के उपरांत उसे सरकार के नियमानुसार तीन साल तक गांव में सेवा देने हेतु भेज दिया जाता। उस डॉक्टर को को ऐसा गांव का सेवा भार मिलता है जिस गांव पर पहुंच पाना बेहद मुश्किल होता है।फिर भी वह किसी प्रकार वहां पहुंच कर सेवा करता है। गांव का वातावरण उसे वन्हा से भाग जाने के लिए मजबूर कर देता है क्योंकि वन्हा ना तो ठीक से रहने का स्थान था नही मोबाइल का नेटवर्क 2015 में होने के बावजूद वह ग्राम मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। फिर उसे किसी कारण वश उसे रुकना पड़ जाता है और रुक कर लोगो का इलाज करता है। वन्हा गांव के लोग मलेरिया से ग्रसित होते है जिसे वन्हा के लोग उस बीमारी को भूत समझ कर जादू मंत्र से दूर भगाने की कोशिश करते है।इस तरह के अंधविश्वास को इस फिल्म का मुख्य पात्र डॉक्टर सिद्धार्थ "दमन " नाम का मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाने के लिए जिलाधीश से निवेदन करता है साथ ही सारे सरकारी विभागों को इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए मनवाता है ताकि युद्ध स्तर से उन्मूलन कार्यक्रम को अंजाम मिले । क्या डॉक्टर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाता है इसी लक्ष्य के इर्द गिर्द घूमती कहानी को फिल्म निर्माताओं ने सरल भाव से पर्दे पर उतारा है। इस फिल्म को राष्ट्रिय स्तर पर प्रशंशा मिल रही है। इस फिल्म को हिंदी में रिलीज करने का भी योजना है। उड़ीसा में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है ताकि यह फिल्म ज्यादा लोगो तक काम दाम में पहुंच सके।
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