To Live A Full Filing Life
Jagriti Mohobe
एक पूर्ण जीवन जीने के लिए
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प्रेम का ना वर्ण है
ना कोई रंग होता है
प्रेम का वर्ण निस्वार्थ है
प्रेम का रंग निश्चल है
निश्चल निस्वार्थ से किया गया प्रेम
तुम्हें उसे जगह तक ले जा सकता है
जहां सिर्फ परमात्मा को दर्शन प्राप्त है।
जिसके हृदय में प्रेम नहीं वह लोहार के बिना प्राण के धौंकनी के समान है।
एक पूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेम बहुत जरूरी होता है। हर रिश्तों की खुशी प्रेम में छिपा है। प्रेम अच्छे स्वास्थ्य की औषधि है।
आज हम अपने रिश्तों को समय और प्राथमिकता क्यों नहीं दे पाते। इसका पहला कारण है टेंशन और दूसरा कारण है। अपने कार्य को प्राथमिकता देना आगे बढ़ाने की जिद में आप अवश्य ही सफलता प्राप्त कर सकते परंतु आगे बढ़ाने की होड़ में रिश्ते सब पीछे छूट जाते हैं।
टेंशन में व्यक्ति अपने ही लोगों के साथ दुर्व्यवहार करता है और वह व्यवहार को व्यक्ति बाहर खोजने में सक्रिय होने लगता है परिणाम स्वरूप सिर्फ हमारे जीवन के हिस्से होते हुए भी हम समय मिलने तक नजर अंदाज कर देते हैं जिसके कारण भावनात्मक दूरियां बढ़ने लगती है।
किंतु सच्चे और सार्थक रिश्ते समय की दुरियां की कोई गुंजाइश नहीं होती।ना ही ऐसे रिश्ते कठिन होते हैं। वास्तव में यह एक अच्छी व्यवहार में ध्यान केंद्रित कर अपना सुंदर संतुष्टि दायक रिश्ते बना लेते हैं। रिश्ते की गुणवत्ता चीजों से खुश नहीं हो सकती बल्कि वह अच्छे बातचीत के माध्यम से टिके रहते हैं।
इसका मतलब यह है जीवन के लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हो तो एक सार्थक सच्चे रिश्तो से जुड़कर ही प्राप्त कर सकते हैं। जो सिर्फ साधारण बातचीत के माध्यम से ही संभव हो सकता है।
रिश्तो का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव भी है- जैसे एक अच्छे दोस्त का मुख मोड़ना और शत्रु का मुस्कुराना तुम्हारे जीवन में मायने रखता है। मेरे विचार से तुम्हें आश्चर्य लगेगा शत्रु का स्माइल पर उसे एक्सेप्ट करो। वह स्माइल तुम्हें साहस देगा तुम्हें आगे बढ़ाने के लिए। एक दूसरे के प्रति भावनाओं को समझने एवं सम्मान देना रिश्तों की सहाराना को बढ़ा देती है।
कभी-कभी हम किसी के लिए भूल धारणा पाल लेते हैं उसे अपने मन में बढ़ावा मत दो। अपने अंदर की ईगो को छोड़ रिश्तो को बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहिए। इस तरह प्रतिद्वंद की भावना को दूर कर संबंधों को और भी गहरा कर देगा।
भावनात्मक प्रतिक्रिया से आपके मन और स्वास्थ्य को सुकून और संतुष्टि मिलेगी। यह व्यावहारिक संतुष्टि आपको अप्राकृतिक लगेगा, परंतु यह व्यावहारिक प्रक्रिया दूसरी प्रकृति बन जाएगी।
Jagriti mahobe
21.12.24