बीट प्रणाली से आपराधिक गतिविधि में लगेगा अंकुश, आईजी की पहल साबित होगी मील का पत्थर

बीट प्रणाली से आपराधिक गतिविधि में लगेगा अंकुश, आईजी की पहल साबित होगी मील का पत्थर

गाँव के आम आदमी को पुलिस से जोड़ने,सायबर सुरक्षा, सड़क सुरक्षा के लिए जागरूक करने के लिए आईजी सरगुजा ने अभिनव पहल की है.इस अभियान का जशपुर जिले में अभियान शुरू किया है कोतवाली  जशपुर पुलिस ने इस अभियान को तत्परता पूर्वक सफल करने और ग्रामीणों से जुड़कर उनकी समस्याओं को साझा कर उसके निराकरण कर रहे है.

पुलिस महानिरीक्षक रेंज सरगुजा  के पहल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डी रविशंकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप, अनुविभागीय अधिकारी राजेंद्र सिंह परिहार के मार्गदर्शन पर कोतवाली निरीक्षक रविशंकर तिवारी और कोतवाली जशपुर में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा आम जनता के जनहित में थाना जशपुर क्षेत्रान्तर्गत निवासरत आम जनता को पुलिस बीट प्रणाली ग्रुप में जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है

इसी  क्रम में कोतवाली जशपुर में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा अपने अपने बीट में दिनांक 12 जनवरी 2023 को 531 एवं दिनांक 13. जनवरी .2023 को 589 कुल 1120 शहरी एवं ग्रामीण जनता को थाना जशपुर के पुलिस बीट प्रणाली ग्रुप में जोड़ी गई तथा लोगों को सायबर फ्राड एवं सड़क सुरक्षा के नियमों के संबंध में जागरूक किया गया।

आगामी दिनों में अधिक से अधिक लोगों को ग्रुप में जोड़ने हेतु पुलिस की यह प्रयास जारी रहेगी। बीट सिस्टम ग्रुप में आम जनता को जोड़ने के पीछे  पुलिस महानिरीक्षक  रेंज सरगुजा का यह उद्देश्य कि किसी क्षेत्र में कोई अपराधिक घटना व दुर्घटना होने पर उक्त घटना की सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस को दी जा सके साथ ही अपराध की रोकथाम साइबर ठगी से भी बचने के प्रयास करने में पुलिस का काफी मदद मिलेगी। 

टीआई कोतवाली रविशंकर तिवारी ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज की पहल पर कोतवाली पुलिस के अधिकारी कर्मचारी कोतवाली रेंज के गाँव गाँव जाकर ग्रामीण नागरिकों से मिल रही है कोतवाली पुलिस दूर दराज के गाँव, बस्ती तक पहुँचकर ग्रामीणों से मिलकर दुःखदर्द समझ कर उनके समाधान करने के साथ एक बेहतर समन्वय बना रही है उन्होंने बताया कि इसके साथ गाँव पहुँच कर सायबर अपराध, अन्य अपराध के लिए जागरूक कर रही है पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा के द्वारा उठाया गया यह कदम आगामी दिनों में अपराध की रोकथाम करने व आपराधिक गतिविधि में अंकुश लगाने में मील का पत्थर साबित होगी।