सावन आया सखी री

मोना चन्द्राकर मोनालिसा रायपुर छत्तीसगढ़

सावन आया सखी री

घनघोर घटा छा गई सखी री
रुत सावन की आ गई सखी री

आसमान में कारी बदली
रिमझिम बरखा लायी सखी

ऐसे भीगे तनमन मेरा
मैं बैरन बन जाऊं सखी

मदहोश कर रहा बैरी सावन 
पवन बन लहराऊं सखी

मौसम बैरी प्रेम अगन जगाये
पिया मिलन को बौराऊं सखी

बारिश की उड़ती फुहारों में 
सराबोर हो जाऊं मैं भी सखी